जहां एक तरफ प्रदेश एवं केंद्र सरकार नन्हे-मुन्ने बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर रहती है। तो वही आए दिन सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने जा रहे बच्चों से काम कराने का मामला कई बार सामने आया है।
और संबंधित विद्यालय के अध्यापकों पर गंभीर कार्रवाई भी हुई है। परंतु उसके बाद भी शिक्षक बगैर किसी भय के नन्हे- मुन्ने बच्चों से मजदूरों की तरह कार्य कराते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण विकास खंड भोजीपुरा के गांव घंघोरा – घंघोरी का सामने आया है।
जिसमें प्रधानाध्यापक सोमपाल आराम से खड़े होकर बच्चों से विद्यालय की साफ-सफाई, मजदूरी का काम कराते देखे जा रहे हैं। जो विद्यालय में नन्हे-मुन्ने बच्चों से नाली की खुदाई, साफ सफाई कराते हुए स्पष्ट नजर आ रहे हैं।
ऐसे में सोचने वाली बात यह होगी कि विद्यालय में पढ़ने जा रहे बच्चों से प्रधानाध्यापक सोमपाल शिक्षा देने की जगह उन मासूम बच्चों से मजदूरी का काम करा रहे हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी की शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस पूरे मामले में प्रधानाध्यापक सोमपाल के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हैं।
रिपोर्ट: रूपेंद्र कुमार
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