PLA को रोकने के लिए DBO तक नई सड़क बनाना पर्याप्त नहीं है. सासेर-ला दर्रे के नीचे टनल निर्माण समाधान है

सीमा सड़क संगठन 56 किलोमीटर की एक वैकल्पिक सड़क को अंतिम रूप दे रहा है जो नुब्रा घाटी में ससोमा को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी या डीबीओ सेक्टर से जोड़ेगी. नई सड़क सासेर-ला दर्रे से होकर जाती है, जो 17,660 फीट ऊंची है.

यह रास्ता मुर्गो में दारबुक-श्योक-डीबीओ सड़क के साथ मिल जाएगा, जिससे लेह से डीबीओ की दूरी डीएसडीबीओ सड़क मार्ग के 322 किलोमीटर की तुलना में 79 किमी तक कम होकर 243 किलोमीटर रह जाएगी.

DBO सेक्टर का सामरिक महत्व

डीबीओ सेक्टर, जिसे सब-सेक्टर नॉर्थ (एसएसएन) के रूप में भी जाना जाता है, सियाचिन ग्लेशियर/नुब्रा नदी से 60 किमी पूर्व में और सासेर कांगड़ी रिज के पार स्थित है. यह एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जहां भौतिक रूप से पाकिस्तान और चीन की सेनाएं मिल सकती हैं. अगर भारत इस सेक्टर और सासेर-ला दर्रे पर अपना नियंत्रण खो देता है, तो सियाचिन ग्लेशियर में अपनी सेना या सैन्य सामग्री का पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से बचाव कर पाना मुश्किल होगा.

डीबीओ सेक्टर की एक उल्लेखनीय विशेषता 5,200 मीटर (17,000 फीट) की आधार ऊंचाई (Base Height) पर स्थित देपसांग मैदान है, जो विवादित अक्साई चिन पठार का विस्तार है. देपसांग मैदान 5,500 से 6,000 मीटर की ऊंचाई (18,000-19,500 फीट) तक की क्रमिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है. ये मैदान आकार में अनियमित हैं और पश्चिम से पूर्व की ओर 60-70 किमी और उत्तर से दक्षिण की ओर 40-50 किमी तक फैले हैं.

उत्तर की ओर, देपसांग मैदान काराकोरम रेंज से घिरा है, जबकि पूर्वी सीमा को लाक त्सुंग रेंज द्वारा निर्धारित किया गया है जो काराकाश नदी के पश्चिमी वाटरशेड का निर्माण करता है. इसके दक्षिण में शाही कांगड़ी रेंज है. क्रमिक पहाड़ियों वाले इस भू-भाग पर पहिए वाले और ट्रैक्ड वाहनों (Tracked Vehicles) द्वारा आसानी से आवाजाही की जा सकती है, जिससे यह मैकैनाइज़्ड ऑपरेशन के लिए काफी उपयुक्त हो जाता है. यह एक मात्र क्षेत्र भी है जो भारत से अक्साई चिन तक सीधी पहुंच प्रदान करता है.

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