इन दिनों कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। इतने सारे लोग उचित इलाज के बिना मर रहे हैं। महिलाओं में स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर का उच्च दर से पता लगाया जा रहा है। यह ज्यादातर रजोनिवृत्ति के समय प्रकट होता है और इस समय उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
डिम्बग्रंथि का कैंसर भारत सहित दुनिया भर में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भारत में प्रति 100,000 महिलाओं में 11.9 को डिम्बग्रंथि के कैंसर का निदान किया जाता है। खासतौर पर इस जानलेवा बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। तो आइए देखते हैं कौन से कुछ ऐसे तथ्य हैं जो महिलाओं को पता होने चाहिए।
1. क्या डिम्बग्रंथि का कैंसर केवल वृद्ध महिलाओं को प्रभावित करता है?
बहुत से लोगों को यह गलतफहमी होती है कि केवल अधिक उम्र की महिलाओं को ही ओवेरियन कैंसर होता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में डिम्बग्रंथि का कैंसर अधिक आम है। लेकिन यह युवा महिलाओं और किशोरों सहित सभी उम्र की महिलाओं में दिखाई देता है। अन्य देशों की तरह, भारत में भी 45 से 65 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं डिम्बग्रंथि के कैंसर से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।
2. क्या सिर्फ पैप टेस्ट से ही इसका पता लगाया जा सकता है?
डिम्बग्रंथि के कैंसर की जांच के लिए पैप परीक्षण नहीं किया जाता है। पैप टेस्ट का मकसद सिर्फ सर्वाइकल कैंसर का पता लगाना है। डिम्बग्रंथि के कैंसर के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। महिलाओं में, डिम्बग्रंथि के कैंसर का निदान अंडाशय के चारों ओर फैल जाने के बाद ही होता है।
डिम्बग्रंथि के कैंसर का पता अल्ट्रासाउंड (TVUS) और CA-125 रक्त परीक्षण द्वारा लगाया जा सकता है, जब एक बार डिम्बग्रंथि का कैंसर एक चरण में पहुँच जाता है। डिम्बग्रंथि के कैंसर के लिए वार्षिक जांच बहुत महत्वपूर्ण है।
3. ओवरी में पाए जाने वाले सभी रोग कैंसर नहीं होते!
लोगों में एक आम भ्रांति है। यानी कि ओवरी में पाए जाने वाले सभी रोग कैंसर ही होते हैं। ओवेरियन कैंसर और ओवेरियन सिस्ट के बीच कई अंतर हैं। अधिकांश ओवेरियन सिस्ट सौम्य और हानिरहित होते हैं। ये सिस्ट मासिक धर्म चक्र के दौरान बनते हैं। ये सिस्ट अपने आप ठीक हो जाएंगे।
4. क्या ओवेरियन कैंसर वंशानुगत है?
डिम्बग्रंथि के कैंसर के सभी मामले वंशानुगत नहीं होते हैं। केवल 10-15% डिम्बग्रंथि के कैंसर विरासत में मिले जीन म्यूटेशन जैसे BRCA1 और BRCA2 से जुड़े होते हैं। बाकी सभी को ओवेरियन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
यह आनुवांशिकी, मासिक धर्म की समस्याओं, देर से मासिक धर्म, बांझपन, हार्मोनल समस्याओं और धूम्रपान जैसे अन्य जीवनशैली कारकों के कारण भी हो सकता है। इसलिए इस बारे में बेहद सावधान रहें।
5. क्या महिलाओं में डिम्बग्रंथि के कैंसर के शुरुआती लक्षण अज्ञात हैं?
एक गलत धारणा है कि डिम्बग्रंथि के कैंसर से पीड़ित महिलाओं में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं। लक्षण प्रकट होते हैं। लेकिन आपने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पेट में लगातार सूजन या सूजन, कब्ज या दस्त, मल त्याग में अचानक बदलाव, पेशाब करते समय दर्द, पेट में दर्द और संभोग के दौरान दर्द। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।