G20 को लेकर यमुना की सफाई चल रही है लेकिन क्या दिल्लीवासियों का मिल रहा है सहयोग?

नई दिल्ली: समय दिन के 11 बजे, स्थान आइटीओ ब्रिज दिल्ली, एक हुंडई क्रेटा रुकती है और उससे एक व्यक्ति निकलते हैं. उनके हाथ में काले रंग की दो पन्नी है जिसमें पूजा पाठ के बाद बचा हुआ सामान रखा है. वह उस काली पन्नी को पुल के दोनों ओर लगी जाली के बीच से नीचे फेंकते हैं और चले जाते हैं. उनके जाने के थोड़ी देर बाद ही एक और व्यक्ति बाइक से आता है और अपशिष्ट पदार्थों की भरी हुई दो पन्नी यमुना में प्रवाहित करता है.

जहां से ये दोनों यमुना अपशिष्ट पदार्थ नीचे फेंक रहे थे वहीं नीचे यमुना की सफाई हो रही है. एक दर्जन से अधिक मजदूर यमुना के पानी में से प्लास्टिक, जलकुंभी और अन्य अपशिष्ट पदार्थ छानकर एक नाव में रख रहे हैं. साथ ही कई अधिकारी एक अलग बोट में बैठकर उन्हें निर्देश दे रहे हैं.

यमुना की सफाई में जुटे मजदूर | फोटो: ऋषभ राज | दिप्रिंट

सितंबर में होने वाली G20 की मीटिंग को लेकर यमुना की सफाई कई महीनों से जोड़-शोर से चल रही है. दिल्ली में वजीराबाद बैराज से लेकर ओखला बैराज तक यमुना से कूड़ा-करकट को बाहर निकाला जा रहा है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीते 16 फरवरी को यमुना के दिल्ली वाले हिस्से को 30 जून तक साफ करने का लक्ष्य रखा था. बीते दिनों मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के एलजी ने कहा था कि यमुना की सफाई का अभियान तीव्र गति से चल रहा है और इसे समय पर पूरा होने की संभावना है.

उन्होंने कहा था, “यमुना की सफाई तय समय पर हो जाएगी. हमने यमुना में गिरने वाले लगभग 20 नालों को साफ करवाया है. काम युद्धस्तर पर जारी है.”

दिल्लीवासियों का मिल रहा है सहयोग?

क्या यमुना की सफाई को लेकर दिल्लीवासी सजग हैं. दिप्रिंट ने दिल्ली के दो सबसे व्यस्त यमुना ब्रिज- निजामुद्दीन ब्रिज और आईटीओ ब्रिज का दौरा किया. दोनों जगह लोग अपनी गाड़ियों से आते और प्लास्टिक की थैली सीधे यमुना में फेंकते दिखे. आईटीओ ब्रिज पर दिल्ली सरकार की ओर से बोर्ड भी लगा है जिसमें लिखा है, “माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली के अनुसार, यमुना नदी में पूजा सामग्री, हवन सामग्री, फूल, पॉलीथिन, कूड़ा करकट इत्यादि डालना सख्त मना है.”

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