11% डायबिटिक, 36% को है हाइपरटेंशन, पूरे भारत में लाइफस्टाल से जुड़ी बीमारियों पर लैंसेट की रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारतीय राज्यों में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बोझ का आकलन करने वाली एक रिपोर्ट में पाया गया है कि भारत में डायबिटीज़ का प्रसार 11.4 प्रतिशत है, जबकि 35.5 प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से पीड़ित हैं. देश में एनसीडी के अंतर्गत किए गए इस अध्ययन को “भारत के सभी राज्यों को कवर करने वाला पहला व्यापक अध्ययन” कहा जाता है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन का निष्कर्ष गुरुवार को द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.

भारत के मेटाबोलिक गैर-संचारी स्वास्थ्य रिपोर्ट-आईसीएमआर-इंडियाब नेशनल क्रॉस-सेक्शनल स्टडी शीर्षक वाले अध्ययन में यह भी पता चला है कि भारत में पूरे शरीर में मोटापा और पेट के मोटापे का प्रसार क्रमशः 28.6 और 39.5 प्रतिशत था.

इसके अलावा, यह दिखाया गया है कि 24 प्रतिशत भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित हैं – एक ऐसी स्थिति जिसमें वसा धमनियों में जमा हो जाती है और व्यक्तियों को दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है – जबकि 15.3 प्रतिशत लोग प्री-डायबिटिक है.

जब सटीक संख्या के लिए और ज्यादा रिसर्च किया गया तो, पता चला कि 2021 में, भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह और 136 मिलियन प्रीडायबिटीज से पीड़ित थे, जबकि 315 मिलियन लोगों को उच्च रक्तचाप, 254 मिलियन लोगों को सामान्य मोटापा, और 351 मिलियन लोगों को पेट का मोटापा था.

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