हिंसा के बाद केंद्र ने मणिपुर की सुरक्षा अपने हाथ में ली, उपद्रवियों को देखते ही ‘गोली मारने का आदेश’

इंफाल: बुधवार के जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में आगजनी और हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को मणिपुर में सुरक्षा का जिम्मा संभालने के लिए राज्य में अनुच्छेद 355 लागू कर दिया.

चुराचंदपुर से इंफाल तक, आदिवासी कुकी और बहुमत गैर-आदिवासी मैतेई के बीच हुई जातीय संघर्ष स्पष्ट रुप से टूटी हुई खिड़कियों, जले हुए घरों, तबाह चर्चों और विध्वंस धार्मिक संरचनाओं के रुप में देखे जा सकते हैं. 

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मणिपुर में संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस बीच इंफाल-चुराचंदपुर मार्ग को पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने अपने कंट्रोल में ले लिया है. 

इस आदेश से पहले, सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सुरक्षा बलों को किसी भी उपद्रवी को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया था. मणिपुर के गृह विभाग के एक आदेश का हवाला देते हुए, समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि राज्यपाल ने विभाग के शूट-ऑन-विज़न आदेश को मंजूरी दे दी है.

इंफाल पश्चिम जिले में तनाव काफी तेज हो गया था. गुरुवार की दोपहर कुछ इलाकों में आगजनी की सूचना मिली, जहां सुरक्षा बलों की कम उपस्थिति थी. इंफाल में गुरुवार को केवल आवश्यक सेवाओं की अनुमति दी गई थी. चारों ओर सड़कें सुनसान नजर आईं.

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