अगर आपसे पूछा जाए कि आज भारत की राजधानी कौन सी है तो आप सभी आसानी से कहेंगे कि भारत की राजधानी दिल्ली है। हालाँकि, दिल्ली को हमेशा भारत की राजधानी होने का दर्जा प्राप्त नहीं था। दरअसल, मध्यकाल में देश कई राज्यों में बंटा हुआ था और हर राज्य की अपनी-अपनी राजधानी थी। इनमें से कई स्थान व्यावसायिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हुए। यदि इस प्रकार से उस समय की भारत की राजधानियों की सूची तैयार की जाये तो उस सूची में पाटलिपुत्र, कोलकाता तथा दिल्ली शहरों का नाम शामिल होगा। लेकिन क्या आप उस शहर का नाम बता सकते हैं जो सिर्फ एक दिन में भारत की राजधानी बन गया?
भारत की एक दिन की राजधानी
भारत के जिस शहर को एक दिन के लिए राजधानी बनने का गौरव प्राप्त है उसका नाम इलाहाबाद है। इस शहर को अब प्रयागराज कहा जाता है। 1858 ई. में इलाहाबाद को एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया। जिस समय इलाहाबाद को भारत की राजधानी बनाया गया था, उस समय यह उत्तर पश्चिम प्रांत की राजधानी थी और अंग्रेजों ने वहां उच्च न्यायालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
इलाहाबाद, जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1583 में मुगल सम्राट अकबर ने की थी। अकबर ने इसका नाम इलाहाबाद रखा। यह मुगल साम्राज्य के दौरान एक प्रांतीय राजधानी बन गया और 1599 से 1604 तक सम्राट जहांगीर का मुख्यालय भी था। 1801 में मुगलों के पतन के बाद, शहर अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया। यह शहर 1857 के मध्य में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय विद्रोह का केंद्र था और नेहरू परिवार का निवास स्थान है।