वंदे भारत की पायलट बनीं पहली महिला सुरेखा यादव ने कहा, कोई भी काम सिर्फ पुरषों के लिए नहीं

मुंबई: वंदे भारत ट्रेन चलाने वाली पहली महिला सुरेखा यादव का मानना ​​है कि यह एक भ्रम है कि कुछ काम पर केवल पुरुषों का ही वर्चस्व हो सकता है.

यादव कहती हैं कि यह एक महिला की पसंद है कि वह क्या करना चाहती है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘कोई भी काम केवल पुरुषों के लिए नहीं है. हमें भी इन्हें करना है. कोई नहीं कहता कि हम किसी प्रोफेशन से नहीं जुड़ सकते. ये हमारे ऊपर है कि हम किस प्रोफेशन में कदम रखेंगे. कोई भी नौकरी करने में कोई किंतु-परंतु नहीं होता है.

यादव ने बताया कि, वंदे भारत एक्सप्रेस में पायलट बनने का मौका पर वह बहुत खुश हैं.

वह कहती हैं, ‘वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन पिछले फरवरी में हुआ था और एक महीने के भीतर मुझे इसे चलाने का अवसर मिला. मैं बहुत खुश हूं और मुझे यह मौका देने के लिए प्रशासन को धन्यवाद देती हूं.’

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