योगा, स्वच्छता; बापू और न के बराबर नेहरू — मोदी के ‘मन की बात’ के 99 एपिसोड्स में किसे मिली कितनी जगह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो “मन की बात” की अक्टूबर 2014 में शुरू होने के बाद से एक ग्राउंड-ब्रेकिंग मास आउटरीच कार्यक्रम के रूप में सराहना की गई और “मासिक एकालाप” के रूप में इसकी आलोचना की गई, लेकिन इन मिली-जुली समीक्षाओं के बावजूद, यह शो मोदी के दो कार्यकालों के दौरान सुर्खियां बना रहा, जिसने उन्हें (पीएम) सरकार के दृष्टिकोण, योजनाओं और जनहित के कई विषयों पर करोड़ों नागरिकों से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया.

जैसा कि मन की बात कार्यक्रम 30 अप्रैल को अपने 100वें एपिसोड पर पहुंच रहा है, दिप्रिंट ने आवर्ती विषयों की पहचान करने के लिए पिछले सभी 99 प्रसारणों के टेप और रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया और जानने की कोशिश की इतने सालों में शो के विषयों में बदलाव और ये रुझान पीएम के संदेश के बारे में क्या बताते हैं.

विश्लेषण से पीएम के राष्ट्रीय आंकड़ों के उल्लेख, विभिन्न योजनाओं पर जोर देने और करंट अफेयर्स और ऐतिहासिक मामलों के निर्धारण में कुछ उल्लेखनीय पैटर्न का पता चला है.

उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी वर्षों से सबसे अधिक बार आमंत्रित किए जाने वाले नेता थे, शो के 99 एपिसोड में उन्हें (बापू और गांधीजी) संदर्भित करने वाले शब्दों का 255 बार ज़िक्र किया गया था.

इसके विपरीत भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का केवल चार बार उल्लेख किया गया आमतौर पर बस नाम भर के लिए. दूसरी ओर हिंदू महासभा के नेता वीर सावरकर का 21 बार उल्लेख किया गया था.

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