हर राज्य में शादी में दुल्हा व दुल्हन का श्रृंगार अलग-अलग तरह से होता है। मराठी शादियों में दुल्हन को विशेष प्रकार से सजाया जाता है। सिल्क की साड़ी से लेकर सोने के गहने तक मराठी दुल्हनों के श्रृंगार में कई चीजों को शामिल किया जाता है।
मुंडावलया
मुंडावलया एक ज्वेलरी होती होती है जो मोतियों से बनी हुई होती है। इसे दुल्हन को अपने माथे पर पहनना होता है। मुंडावलया को मराठी दुल्हन के श्रृंगार में सबसे खास माना जाता है।
सिल्क की साड़ी
मराठी दुल्हन को सिल्क की साड़ी पहनना अनिवार्य होता है। आपको बता दें कि मराठी शादियों में दुल्हन को पीली, लाल या औरेंज कलर की साड़ी को ही प्राथमिकता दी जाती है। मराठी चलन में लाल साड़ी पहनने की परंपरा बहुत पुरानी है। सिल्क की साड़ी को मराठी दुल्हन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

हरे रंग का चूड़ा
हमारे देश में कई राज्यों के लोग लाल रंग का चूड़ा पहनते हैं। मगर मराठियों में हरे रंग का चूड़ा पहना जाता है। साथ ही इसे पहनना दुल्हन के लिए जरूरी माना जाता है।

नथ
वैसे तो नथ सभी दुल्हनों के लिए खास होती है। हर दुल्हन के श्रृंगार में नथ को सबसे प्रमुख भी माना जाता है। आपको बता दें कि मराठियों में नथ थोड़े अलग प्रकार की होती है। इस नथ को मोतियों से बनाया जाता है। यह दिखने में बहुत ही सुंदर होती है और इसे मराठी दुल्हन के श्रृंगार का सबसे जरूरी हिस्सा भी माना जाता है।

तनमानी
आपको मार्केट में अलग-अलग डिजाइन के तनमानी मार्केट में मिल जाएंगे। यह एक प्रकार का मोतियों का नेकलेस होता है। आपको बता दें कि इसे मराठी दुल्हन को शादी के दिन अवश्य पहनाया जाता है।

खोपा
दुल्हन के बालों को कसकर जूड़ी बना दिया जाता है और उसे विभिन्न प्रकार से सजाकर उसमें खोपा लगाया जाता है।
