महिलाओं को व्यभिचार से मुक्ति दिलाते हैं ये 8 घरेलू नुस्खे

एक महिला जो कम से कम एक वर्ष से नियमित, समय पर संभोग कर रही है और किसी भी प्रकार के गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं कर रही है, जब वह गर्भधारण करने में असमर्थ होती है, तो उसे बांझपन या बांझपन से संबंधित समस्याएं माना जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भधारण और जीवित बच्चे को जन्म न दे पाना भी स्वच्छंद संभोग में शामिल है। महिलाओं में प्रजनन क्षमता विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हो सकती है, जैसे: – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओ), एंडोमेट्रियोसिस, सिस्टिटिस, गर्भाशय फाइब्रॉएड, एनीमिया, थायराइड की समस्याएं, फैलोपियन ट्यूब में रुकावट, फैलोपियन ट्यूब, क्लैमाइडिया और यौन संचारित रोग (एसटीडी) आदि। …

इसी तरह, अधिक शराब का सेवन, शराब, उम्र (35 वर्ष से अधिक), मोटापा, अत्यधिक तनाव, अनियमित और दर्दनाक माहवारी, खराब आहार या अत्यधिक शारीरिक प्रशिक्षण भी एक महिला की गर्भ धारण करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।

हालांकि, कई महिलाएं इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) या सरोगेसी के जरिए बच्चे को गर्भ धारण करने में सफल रही हैं। लेकिन हर महिला इन तकनीकों का उपयोग नहीं कर सकती है, क्योंकि वे अपनी उच्च लागत के कारण हर किसी की पहुंच में नहीं हैं।

ऐसे में कुछ प्राकृतिक और हर्बल उपचार भी इनफर्टिलिटी के मूल कारणों से लड़ने और गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने में मददगार होते हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली, जैसे नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। महिला बांझपन को रोकने के उद्देश्य से यहां आठ मुख्य उपाय दिए गए हैं।

 

1. अश्वगंधा

यह जड़ी बूटी हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है और प्रजनन अंगों के समग्र कामकाज को बढ़ाने में सहायक होती है। यह बार-बार होने वाले गर्भपात का कारण, बाहर निकले हुए गर्भाशय को सघन आकार में लाकर स्वस्थ बनाने में मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर दिन में दो बार लें।

2. अनार

2. अनार

यह गर्भाशय में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और गर्भाशय की दीवारों को फैलाकर गर्भपात की संभावना को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह भ्रूण के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है। अनार के दानों को बराबर मात्रा में लेकर छिलका उतारकर पीसकर पाउडर बना लें और किसी एयर टाइट डिब्बे में भर कर रख लें। इस मिश्रण का आधा चम्मच एक गिलास गर्म पानी के साथ दिन में दो बार कई हफ्तों तक लें। आप ताजा अनार भी खा सकते हैं और ताजा अनार का जूस भी पी सकते हैं।

3. दालचीनी

3. दालचीनी

दालचीनी अंडाशय को अच्छी तरह से काम करने में मदद कर सकती है। और इस तरह भी व्यभिचार के खिलाफ लड़ाई कारगर हो सकती है। यह बांझपन के मुख्य कारणों में से एक पीसीओएस के उपचार में भी मदद करता है। एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं। इसे दिन में एक बार कई महीनों तक पिएं। इसके अलावा, दालचीनी पाउडर को अपने भोजन, दलिया और यहां तक ​​कि दही पर छिड़क कर अपने आहार में शामिल करें।

4. संतुलित आहार लें

4. संतुलित आहार लें

प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए एक संतुलित आहार खाना एक महत्वपूर्ण कारक है। एक स्वस्थ, संतुलित आहार उन स्वास्थ्य स्थितियों को रोकने में मदद करता है जो व्यसन का कारण बन सकती हैं। साथ ही इससे धनवान होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

5. खजूर

5. खजूर

खजूर आपकी गर्भधारण करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसमें कुछ पोषक तत्व होते हैं जैसे:- विटामिन ए, ई और बी आयरन और अन्य आवश्यक खनिज, जो एक महिला को गर्भ धारण करने से लेकर बच्चे के जन्म तक के लिए आवश्यक होते हैं। 10 से 12 खजूर (बीज रहित) को 2 छोटे चम्मच कटा हुआ हरा धनिया डालकर पीस लें। पेस्ट बनाने के लिए 3/4 कप गाय का दूध लें और इसे उबाल लें। पीने से पहले इसे ठंडा होने दें। इसे अपने पिछले महीने की तारीख से एक सप्ताह तक दिन में एक बार पिएं। स्वस्थ नाश्ते के रूप में रोजाना 6-8 खजूर खाएं और कटे हुए खजूर को दूध, दही और स्वास्थ्य पेय में शामिल करें।

6. विटामिन-डी

6. विटामिन-डी

गर्भावस्था और स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए विटामिन-डी जरूरी है। दरअसल, विटामिन-डी की कमी से बांझपन और गर्भपात हो सकता है। सुबह 10 मिनट के लिए धूप लें ताकि आपका शरीर विटामिन-डी का उत्पादन कर सके। विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सैल्मन, पनीर, अंडे की जर्दी और विटामिन-डी-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आप विटामिन-डी की गोली के रूप में भी सेवन कर सकते हैं लेकिन अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद।

7. बरगद के पेड़ की जड़ें

7. बरगद के पेड़ की जड़ें

आयुर्वेद के अनुसार, पिपला के पेड़ की कोमल जड़ महिला बांझपन के इलाज में प्रभावी होती है। बरगद के पेड़ की कोमल जड़ों को कई दिनों तक धूप में सुखाएं। फिर इसका पेस्ट बनाकर किसी बंद डिब्बे में रख दें। एक गिलास दूध में 1 से 2 बड़े चम्मच चूर्ण लें। महीने के अंत के बाद लगातार तीन रातों तक इसे एक बार खाली पेट पिएं। इसे पीने के एक घंटे तक कुछ भी खाने से परहेज करें। कुछ महीनों तक इस उपाय को अपनाएं।

8. योग

8. योग

फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करने के लिए कुछ योगासन हैं जैसे:- नाड़ी-शोधन, प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन, हस्तपादासन, जानु शीर्षासन, बद्ध कोणासन, विपरीत-करणी और योग निद्रा आदि। याद रखें, योग का लाभ उठाने के लिए इसे सही तरीके से करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *