मणिपुर में पुलिस के शस्त्रागार खाली, भीड़ ने बोला धावा—हथियार लूटे, ‘स्कूटर पर सवार’ हुए और भाग गए

इंफाल: जब चार मई को दोपहर 2:30 बजे इंफाल ईस्ट के पांगी में मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर हज़ारों लोगों की उग्र भीड़ ने कथित तौर पर धावा बोल दिया, तो गेट पर अकेला खड़ा गार्ड बेबस होकर सब लुटता हुआ देखता रहा. हज़ारों की संख्या में परिसर में मेटल कटर, पत्थर और लाठियों से लैस, भीड़ विशाल परिसर में घुसी, कथित तौर पर ताला काट दिया और सीधे शस्त्रागार की ओर बढ़ गई.

ड्यूटी पर मौजूद 20 गार्डों ने घबराकर खाली गोलियां चलाईं, लेकिन उनकी संख्या कम थी. पुरुषों ने कथित तौर पर दरवाजा तोड़ दिया, पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने में इस्तेमाल की जाने वाली डमी बंदूक सहित – वो सब कुछ चुरा लिया जो वे अपने हाथों में रख सकते थे और इन्वेंट्री रजिस्टर को साथ लेकर चले गए. सूत्रों ने बताया कि उनमें से कुछ स्कूटर या तिपहिया वाहनों पर भी सवार थे.

पंगेई में जो हुआ वह अगले महीने दोहराया गया जब मणिपुर में कई स्थानों पर पुलिस बटालियनों और स्टेशनों से कथित तौर पर हथियार लूट लिए गए. हालांकि, लूटपाट मुख्य रूप से मैतेइ बहुल घाटी क्षेत्र में केंद्रित थी, कुछ घटनाएं चूड़ाचांदपुर के पहाड़ी जिले में भी हुईं, जो मुख्य रूप से कुकी समुदाय का गढ़ माना जाता है और उनके द्वारा बसाया गया है.

29 मई से शुरू हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के चार दिवसीय दौरे के समय तक लूटपाट जारी रही.

घटनाओं से परिचित सूत्रों के अनुसार, पुलिस गार्डों ने बिना एक भी गोली चलाए बिना स्वेच्छा से भीड़ को चाबी सौंप दी. ज्यादातर मामलों में हथियारों की सूची दर्ज करने वाले रजिस्टर नष्ट हो गए या चोरी हो गए.

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