भारत में अफगान कैडेट्स को सरकार की तरफ से मिली थी लाइफलाइन, अब ‘तालिबान’ को सौंपे जाने का सता रहा डर

नई दिल्ली: मालवीय नगर में एक टू बीएचके अपार्टमेंट की धूल भरी खिड़की पर अफगान झंडा और सेना की वर्दी लटकी है. छह युवा अफगान सैन्य कैडेट अवैध अप्रवासी के रूप में पिछले दो माह से इसी छोटे से फ्लैट में रह रहे हैं. वे इस पर बात करते हैं कि इफ्तार के लिए कुछ ताजा पकाना है या पिछली रात का बचा खाना ही खाना है. उनके द्वारा दूसरा विकल्प अपनाते की संभावना अधिक है, क्योंकि इस समय बचत ही उनकी सबसे बड़ी जरूरत है और अमान्य वीजा के कारण नौकरियां मिलना बहुत ही मुश्किल काम है.

यह पूरी तस्वीर पिछले साल से एकदम अलग है.

फरवरी 2022 में, भारत सरकार ने विभिन्न भारतीय सैन्य अकादमियों में अपने पाठ्यक्रम पूरा करने वाले लगभग 80 अफगान कैडेट्स के लिए अंग्रेजी और मार्केटिंग में एक साल के ट्रेनिंग प्रोग्राम की पेशकश की थी.

पात्र कैडेट 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने पहले से ही भारत में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) और अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च सैन्य शिक्षा प्राप्त करते रहे हैं.

इस प्रोग्राम के लाभार्थियों में एक 27 वर्षीय युवा भी है जो मालवीय नगर के उस फ्लैट में रह रहा है, जिसका ऊपर जिक्र किया गया है.

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