फुसफुसाने की जरूरत नहीं, फर्स्ट एड बॉक्स में अब से महिलाओं के लिए रखें ‘सैनिट्री पैड’

नई दिल्ली: नेहा एक कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब करती हैं, ऑफिस से एक दिन की छुट्टी लेकर वो अपने एक दोस्त के साथ दिल्ली के पुस्तक मेले में घूमने गई लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो अपने पर्स में कुछ ढूंढ़ने लगी और जब उसे अपने पर्स में वो चीज़ नहीं मिली तो वो आस-पास घूम रही अनजान लड़कियों से महिलाओं के पास जाती है और फुस-फुसाकर कुछ पूछती हैं.

नेहा लगातार चार से पांच महिलाओं के पास गई और उनके कान में कुछ धीरे से बोला, आखिर में एक लड़की ने जब उसे छुपाते हुए कोई चीज़ पकड़ाई, तब जाकर उसकी जान में जान आई.

पता है नेहा इन महिलाओं से फुस-फुसाकर क्या पूछ रही थीं? वो उनसे एक सेनेट्री पैड मांग रही थीं.

फर्स्ट ऐड बॉक्स को अगर इमर्जेन्सी किट कहें तो गलत नहीं होगा क्योंकि इसका इस्तेमाल जरुरत के समय और इमर्जेन्सी में ही किया जाता है. लेकिन क्या इसमें वो चीज़ होती है जो एक महिला के लिए सबसे बड़ी इमर्जेन्सी होती है? 10 साल की बच्ची से लेकर 45 साल की महिला तक को कब किस समय सैनेट्री पैड की जरूरत पड़ेगी कोई नहीं जानता है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पीरियड चार्ट, पेडमित्र और सेल्फी विद डॉटर जैसे अभियानों का आगाज कर चुके सुनील जागलान ने 20 मार्च 2023 को महिलाओं से जुड़े एक नए अभियान ‘फर्स्ट ऐड किट फॉर वुमेन’ की शुरुआत की है.

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