पहले कभी फसल को ऐसे नष्ट होते नहीं देखा, पंजाब में लहलहाती फसलों को बारिश ने किया बर्बाद

बठिंडा: दूर-दूर तलक न जाने कितने एकड़ खेतों में गेहूं की फसल इस कदर बर्बाद हो चुकी है, जैसे किसी ने हथौड़े चलाकर उसे कुचल दिया है. वे काफी बदबू भी आने लगी है. कुछ जगह थोड़ी-बहुत फसल खड़ी नजर भी आ रही है, तो उनकी बालियां तोड़कर देखने पर पता चलता है कि अंदर दाना एकदम सिकुड़ा हुआ है.

एक किसान पूछता है, ‘यह गेहूं एकदम जीरे जैसा लग रहा है ना.’

बेमौसम बारिश और तेज हवाओं—और कथित तौर पर सरकार की उदासीनता—ने पंजाब के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों, खासकर मालवा क्षेत्र में गेहूं किसानों को मायूस कर दिया है. राज्य सरकार का अनुमान है कि पंजाब में कुल बुआई का लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और इस साल लगभग 15-20 प्रतिशत अनाज के नुकसान की आशंका है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, कटाई का मौसम (24-30 मार्च) शुरू होने से ऐन पहले हफ्ते में, खासकर बठिंडा जिले में सामान्य स्तर से 3,900 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है.

1 मार्च से 6 अप्रैल तक पंजाब में मौसमी वर्षा को दर्शाने वाला IMD मानचित्र | स्रोत: भारत मौसम विज्ञान विभाग

जबकि अधिकारियों का अनुमान है कि बठिंडा में 10 प्रतिशत से कम खेत गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, नुकसान की सीमा का पता तब तक नहीं चलेगा जब तक कि सरकार जमीनी स्तर पर गिरदावरी का आकलन पूरा नहीं कर लेती, जो प्रक्रिया फिलहाल चल रही है.

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