लीवर डैमेज: लीवर शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इसे पाचन तंत्र की इकाई के रूप में देखा जाता है। शराब और दूषित भोजन से लिवर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। लीवर में गड़बड़ी होने से पहले कई तरह के लक्षण सामने आते हैं। लिवर की सेहत के लिए उन लक्षणों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। डॉ. हितेश कौशिक ने बताया कि फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी है। इसमें शराब पीने वाले और बिना शराब पिए लोगों के लिवर पर चर्बी जमा हो जाती है। शराब न पीने वालों को नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी होती है, जबकि ज्यादा शराब पीने वालों को होती है। उन्हें एल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी है। इसके लक्षण दांतों से लेकर शरीर में दिखने लगते हैं। समय रहते इनकी पहचान करने की जरूरत है।
दांतों को ब्रश करते समय खून आने पर कुछ गलत होता है।
दांतों को ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको फैटी लिवर की गंभीर बीमारी है। इसी तरह नाक से बार-बार खून आना भी हो सकता है। NAFLD दांतों के झड़ने और पीरियंडोंटाइटिस से भी जुड़ा है। यह मसूड़ों के गंभीर संक्रमण की स्थिति है। इसमें दांतों के आसपास के टिश्यू को काफी नुकसान पहुंचता है। यही कारण है कि हल्के ब्रश से ब्लीडिंग होती है।
अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं
फैटी या रोगग्रस्त लिवर की स्थिति में अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। इसमें भूख न लगना, मतली और त्वचा में खुजली शामिल है। फैटी लिवर के लक्षणों में पीलिया, खून की उल्टी, पेशाब का पीला होना, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, बालों का झड़ना, बुखार और कंपकंपी शामिल हैं।
लिवर 500 से अधिक कार्यों को संभालता है
लीवर 500 से अधिक शारीरिक कार्यों को करता है। इसमें ऊर्जा में भोजन का पीछा करना और रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालना शामिल है। अगर लिवर में कोई समस्या हो जाए तो ये सारे काम गड़बड़ा जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सिरोसिस फैटी लिवर की बीमारी की गंभीर अवस्था मानी जाती है। इसमें लीवर में गांठ हो जाती है। आकार में छोटा होने लगता है। लिवर में खराबी के कारण स्वस्थ टिश्यू की जगह खराब टिश्यू लेने लगते हैं। यह स्थायी यकृत क्षति की शुरुआत है। इसका समय पर इलाज जरूरी है।