चैत्र नवरात्रि और रामनवमी का है खास संबंध; …इसलिए पूजे जाते हैं भगवान राम!

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा धार्मिक महत्व है। वैसे तो साल में चार नवरात्रि पर्व आते हैं। खासकर हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। नवरात्रि के इन 9 दिनों में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता जगतजननी जगदम्बा नवरात्रि में अपने भक्तों के बीच धरती पर निवास करती हैं। इसके साथ ही रामनवमी का पर्व भी मनाया जाता है। भगवान श्रीराम का चैत्र नवरात्रि से भी विशेष संबंध है। आइए देखते हैं चैत्र नवरात्रि और भगवान श्रीराम के धार्मिक संबंध के बारे में अयोध्या के प्रसिद्ध कथाकार राम दिनेशाचार्य द्वारा दी गई जानकारी।

 

दरअसल चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि से भगवान राम का विशेष संबंध है। भगवान राम ने शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन रावण का वध किया था और भगवान राम का जन्म चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। यानी चैत्र नवरात्रि की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था। तभी से इस पर्व को सनातन हिन्दू धर्म में रामनवमी के नाम से जाना जाने लगा। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की पूजा के साथ भगवान राम की भी पूजा करते हैं।

भगवान श्री राम का चैत्र नवरात्रि से संबंध –

रामनवमी के दिन पूरे देश में राम जन्मोत्सव मनाया जाता है, वहीं अयोध्या में राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. रामनवमी के गीत गाए जाते हैं, भजन-कीर्तन किया जाता है और रामनवमी का पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इतना ही नहीं राम नवमी के दिन चैत्र नवरात्रि भी मनाई जाती है। अयोध्या के प्रसिद्ध कथाकार राम दिनेशाचार्य कहते हैं कि चैत्र रामनवमी के दिन भगवान विष्णु ने राम के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था। यही कारण है कि चैत्र रामनवमी में भगवान राम का संबंध मां जगत जननी जगदंबा से जुड़ा है।

एफजी

दिनेशाचार्य ने कहा कि भगवान राम के जन्म से पहले भी चैत्र नवरात्रि मनाई जाती थी, लेकिन उस दौरान देवी की पूजा की जाती थी। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तब माता जगदंबा सहित राम की पूजा करने की प्रथा शुरू हुई थी, जिसका पालन आज भी किया जाता है।

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