चेन्नई के कलाक्षेत्र में कुछ भी ठीक नहीं है, स्टूडेंट्स में है अफरातफरी, गुरुओं पर लगे हैं यौण शोषण के आरोप

चेन्नई: चेन्नई में कलाक्षेत्र फाउंडेशन की छात्र छात्राएं 8 मार्च 2023 को धूप में खड़े होने पर खुद को बीमार महसूस कर रहे थे. लेकिन ये वहां की उमस भरी गर्मी की वजह से नहीं था. बल्कि वे सभी उस सीनियर टीचर को देख रहे थे, जिस पर छात्रों के यौण उत्पीड़न का आरोप लगा था, और महिला दिवस के मौके पर संस्थान की निदेशक उसे सम्मानित कर रहीं थीं. 19 मार्च को उन्हें पता चला कि निदेशक की अध्यक्षता वाली आंतरिक शिकायत समिति ने शिक्षक को क्लीन चिट दे दी है. समिति ने आरोपों को “ज्यादातर जानबूझकर गढ़ा गया” और “कलाक्षेत्र की प्रतिष्ठा को खराब करने के उद्देश्य” के रूप में वर्णित किया.

वह दिन भी था जब एक पूर्व निदेशक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के मामलों की जानकारी ऑनलाइन पोस्ट करने के बाद फाउंडेशन ने छात्रों और कर्मचारियों को दिसंबर 2022 की घटनाओं पर चर्चा करने से रोकने के लिए एक गैग आदेश जारी किया था. फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है.

रुक्मिणी देवी कॉलेज फॉर फाइन आर्ट्स, कलाक्षेत्र फाउंडेशन- राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, जिसे सीधे तौर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा फंडिग की जाती है. जो बाहर से तो काफी शांत नजर आ रहा था लेकिन इस परिसर में भय और अविश्वास व्याप्त है. कई छात्रों, पूर्व छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने गैग आदेश मिलने से पहले दिप्रिंट से बात की थी, उनका आरोप है कि एक शक्तिशाली सीनियर फैकल्टी मेंम्बर द्वारा यौन उत्पीड़न वर्षों से अनियंत्रित और बेरोकटोक चल रहा है.

कलाक्षेत्र में लगातार यौन उत्पीड़न की कहानियां, बताती हैं कि यह छात्रों को कैसे चुप करा रही हैं, यह छात्रों की मुश्किल लड़ाई की ओर भी इशारा कर रही हैं, जिसका सामना युवा महिलाओं को करना पड़ता है, जब वे मजबूती के साथ एक दुर्जेय संस्थान के खिलाफ होती हैं. जिसकी एक आंतरिक PoSH समिति होती है और कागज पर प्रस्ताव. इससे ऐसा दिखाई देता है कि कलाक्षेत्र की प्रक्रिया ने छात्रों का विश्वास हासिल नहीं किया है.

दिप्रिंट में छपी रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसका त्वरित संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु के डीजीपी से कार्रवाई करने की मांग की है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने डीजीपी को लिखा है कि संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज करके आरोपी टीचर और उसे बचाने के लिए डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें