हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है। घर के निर्माण से लेकर उसकी साज-सज्जा तक में वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाता है। अगर घर का डिजाइन वास्तु शास्त्र के अनुसार हो तो माना जाता है कि कई तरह की परेशानियां नहीं आती हैं। घरों में अक्सर यह सुनने को मिलता है कि जूते-चप्पल को उल्टा नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। इससे कई तरह के पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में घर में जूते-चप्पल रखने के कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि घर में जूते-चप्पल उतारते और रखते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
1. ईशान कोण में न रखें जूते-चप्पल : अक्सर लोग जल्दबाजी में अपने जूते-चप्पल घर में कहीं भी उतार देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार जूते-चप्पल ईशान कोण में नहीं रखने चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। उत्तर या पूर्व दिशा में जूते-चप्पल उतारने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं। इससे घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। इससे घर में दरिद्रता आ सकती है। ऐसा माना जाता है कि परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
2. जूते-चप्पल रखने की सही दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार जूते-चप्पल की अलमारी हमेशा घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए। बाहर आने के बाद दक्षिण या पश्चिम की ओर मुंह करके अपने जूते-चप्पल उतार दें। ध्यान रहे कि घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल नहीं उतारने चाहिए।
3. नकारात्मक ऊर्जा का रहता है वास वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी जूते-चप्पल को उल्टा नहीं रखना चाहिए। ऐसा होने पर माना जाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इससे परिवार की सुख-शांति भंग होती है। इसलिए जूतों को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आती है।