कल्पना या टीपू सुल्तान के हत्यारे? वोक्कालिगा वोट-बैंक के लिए BJP ने लिया उरी-नन्जे गौड़ा का सहारा

बेंगलुरु: इतिहास की ज्यादातर किताबों में कहा गया है कि 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान अंग्रेज़ों से लड़ाई के दौरान मारे गए, लेकिन कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बात पर जोर दे रही है कि वास्तव में दो वोक्कालिगा सरदारों, उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा ने दो सदियों पहले उनकी हत्या की थी.

इतिहासकारों ने सवाल किया है कि क्या इन योद्धाओं का अस्तित्व था, लेकिन फिर भी दावे जारी रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए भाजपा नेता एक अभियान के नजरिए से इस कथा को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन रणनीतिक तौर पर उनसे गलतियां हुई हैं.

बेंगलुरु में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में एक राजनीतिक विश्लेषक और फैकल्टी मेंबर ए नारायण ने कहा, “टीपू सुल्तान के साथ मांड्या-मैसूर क्षेत्र की आत्मीयता को देखते हुए बीजेपी ने वोक्कालिगा सरदारों के दो काल्पनिक पात्रों को गढ़ा है जिन्होंने कथित तौर पर टीपू सुल्तान की हत्या कर दी थी. हालांकि, ऐसा लगता है कि अब तक ये रणनीति उलटी पड़ती दिखाई दे रही है क्योंकि टीपू सुल्तान के अंतिम क्षणों के बारे में इस क्षेत्र के लोगों की अपनी समझ है.”

उन्होंने आगे कहा, “विश्वसनीय सबूतों के अभाव में लोग बीजेपी के इतिहास के संस्करण को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.”

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