‘कम टेस्ट,जागरूकता में कमी’, खेल में जीत के लिए तैयार भारत, कमजोर एंटी-डोपिंग नेटवर्क है बड़ी बाधा

नई दिल्ली: अरबों की संख्या वाले उत्साही दर्शकों, अतिरिक्त खेल प्रतिभा और एथलीटों की पूरी क्षमता का दोहन करने के पक्के प्रशासनिक इरादे के साथ, भारत में खुद को एक वैश्विक खेल शक्ति के रूप में स्थापित करने की पूरी क्षमता है; मगर, खेलों की दुनिया में अपना वैश्विक दबदबा स्थापित करने की हमारी राह में अभी भी कुछ बाधाएं खड़ी प्रतीत होती हैं, और उनमें से एक प्रमुख बाधा है- एंटी-डोपिंग मैके निज़्म (डोपिंग रोधी तंत्र) का अभाव.

वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेन्सी (वाडा) की साल 2019 की डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन (एंटी-डोपिंग रूल वायोलेशन्स- एडीआरवी) पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, 17 प्रतिशत डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के साथ भारत इस साल दुनिया के शीर्ष डोपिंग नियम उल्लंघनकर्ताओं की सूची में तीसरे स्थान पर है. 19 प्रतिशत उल्लंघनों के साथ रूस का नाम इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद- 18 प्रतिशत उल्लंघनों के साथ- इटली का स्थान है. इस रिपोर्ट में साल 2013 और 2019 के बीच दर्ज किए गए डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन को संकलित किया गया है.

खेलों की दुनिया में डोपिंग शब्द का अर्थ है ‘पदक वाले प्रमुख प्रतियोगिताओं से पहले अवैध/प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन करके या तो अधिक बलिष्ठ मांसपेशियों का निर्माण करना या मांसपेशियों की थकान को सीमित करना, या किसी विशेष विधा में किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए उसके हार्मोनल परिवर्तन को प्रभावित करना. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी – आईओसी) द्वारा साल 1999 में एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित, वाडा को ‘डोपिंग-मुक्त खेल सुनिश्चित करने के लिए विश्वव्यापी आंदोलन’ का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया था.

भारत में, खेलों से संबधित डोपिंग का मामला पहली बार साल 1986 में तब सुर्ख़ियों में आया जब सियोल में आयोजित 10वें एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन भारोत्तोलकों और एक मुक्केबाज़ को डोपिंग के लिए सकारात्मक परीक्षण परिणाम के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था.

इसके लगभग चार दशक बाद, भारत का डोपिंग रोधी तंत्र अभी भी कम संख्या में होने वाले परीक्षण, एथलीटों, कोचेज और प्रशिक्षकों के बीच जागरूकता की भारी कमी, और एक पर्याप्त रूप से सख़्त कानून की अनुपस्थिति से अप्रभावी सा बना हुआ है.

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