‘ओपन-डोर पॉलिसी और साइड ह्यूमर’ कैसे खड़गे कांग्रेस में बना रहे हैं ‘सलाहकार सहमति’

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रूखेपन से भले ही ऐसा न लगे लेकिन उनका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब का है. खड़गे (80) के साथ काम करने वालों का कहना है कि उनकी ओपन-डोर पॉलिसी और नो-बकवास एटिट्यूड के साथ-साथ, खड़गे की खूबियों में पार्टी के भीतर दरार और संघर्ष में मदद करना भी शामिल है.

उदाहरण के लिए, पार्टी के एक नेता ने एक बार उनसे कड़ी मेहनत करने के बावजूद संगठनात्मक पद नहीं मिलने की शिकायत की.

खड़गे की टीम के एक सदस्य ने कहा- उन्होंने (खड़गे ने) सीधे नेता की ओर देखा और पूछा, ‘आप बकवास क्यों कर रहे हैं? सीधा सीधा बोलिए, मेहनत करे मुर्गी और अंडा खाए फकीर?”

उन्होंने कहा कि इस तरह के किस्सों से खड़गे दूसरे व्यक्ति को निहत्था कर देते हैं और ऐसी स्थितियों से तनाव दूर कर देते हैं.

6 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में ‘तिरंगा मार्च’ के दौरान खड़गे | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

वो कहते हैं, “वास्तव में, मीडिया के लिए, कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन होगा या राजस्थान के लिए यह तय करने के लिए चर्चा बहुत तनावपूर्ण, गंभीर मामलों की तरह लगती है. लेकिन अगर आप दोनों बैठकों में दरवाजे के बाहर खड़े थे, तो आपको बीच-बीच में ठहाकों की आवाज सुनाई देगी.’

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