अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए लगभग तैयार लेकिन मस्जिद के पास फंड की कमी, नक्शा अटका

अयोध्या: मई की धधकती गर्मी में, सोहराब खान एक खाली जमीन के बीच में खड़े थे. वह मस्जिद ट्रस्ट के सदस्य के माध्यम से अयोध्या के जिलाधिकारी तक बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. वह जमीन पर लगे दो बिजली के खंभों को लेकर डरे हुए थे.

दूसरे ग्रामीण भले इस पर खुशी मनाते लेकिन गिराई गई बाबरी मस्जिद की जगह नई मस्जिद बनाने के लिए मुसलमानों को आवंटित की गई जमीन पर ये बिजली के खंभे किसी नई मुसीबत से कम नहीं थी. 

इसकी सूचना डीएम तक पहुंच गई और अधिकारी हरकत में आ गए. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक अयोध्या फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए दिए गए 5 एकड़ के भूखंड से दो घंटे के भीतर बिजली के खंभे हटा दिए गए.

जब तक अयोध्या मस्जिद नहीं बन जाती, तब तक सब फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं. 

लेकिन सरकार से जमीन मिले तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है और अयोध्या में राम जन्मभूमि से करीब 25 किमी दूर लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर स्थित धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए एक भी ईंट नहीं गड़ पाई है.

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